Hey Dosto! आप सभी का स्वागत् है, हमारे easygyaan10 blog में। तो दोस्तों आज हम जानेंगे की ये सोशल मिडिया और मनुष्य में क्या संबंध है, सोशल मीडिया ने मानव जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन लाया है और इसके साथ-साथ मानव-मानव संबंधों पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है। यह नए संचार के ढंगों को प्रोत्साहित करता है, लेकिन कुछ दुष्प्रभावों के साथ साथ आने वाले चुनौतियों का सामना भी करना पड़ता है। सकारात्मक पहलुओं में, सोशल मीडिया ने लोगों के बीच संवाद को सुगम और त्वरित बना दिया है। लोग अपने दोस्तों, परिवार, और समुदाय के साथ अब भी संपर्क बनाए रख सकते हैं, भले ही वे भौतिक रूप से दूर हों। इससे लोग आपसी रिश्ते मजबूत कर सकते हैं और समय के साथ अपने परिवार और मित्रों के साथ अच्छी तरह से जुड़ सकते हैं। सोशल मीडिया ने विभिन्न समुदायों को एकत्र किया है और उन्हें अपने इंटरेस्ट्स और धार्मिक या सामाजिक उद्देश्यों के अनुसार गुणवत्ता सम्पन्न जानकारी साझा करने का मौका दिया है। इससे लोग विश्वास और सम्मान के साथ समूहों में शामिल हो सकते हैं, जो उनके सोच, मूल्यों, और दृष्टिकोण के साथ मिलते हैं। हालांकि, यहां कुछ चुनौतियाँ...
Hey Dosto!
यार सीखना और सिखाना तो हमे पता है। इसमे नई बात क्या है? कुछ भी सिख कर किसी को सिखाना ही तो learning & sharing है।
हाँ आप सही हो। लेकिन ये सिर्फ सीखने वाले की नजर है। सीखाने वाले की नही।
Share सिर्फ वही कर सकता है, जो learn कर सकता है।
बिना learn के हम किसी को क्या share करेंगे।
या फिर वो Sharing सिर्फ नाम की होगी,काम की नही।
देखा जाये तो आपको कोई सीखा नही सकता..., इस पूरी दुनिया में।
जब आप उसे खुद से नही सीखोगे तब तक।
इसलिये सिखाने वाले का कोई महत्व नही होता है। केवल सिखने वाले का महत्व होता है।
लेकिन अगर सिखाने वाला भी सिख रहा हो। जो लगता है की सीखा रहा है और सिखने वाले भी सिख रहे हो।
अगर दोनों ही सिखने वाले हो।
तो इसे Real sharing कहेंगे। क्योंकि अब दोनों ही Grow करेंगे। और आगे बढ़ेंगे।
That is Real Learner.....
Thanks, for read.
Love u All. #jpnetam.
यार सीखना और सिखाना तो हमे पता है। इसमे नई बात क्या है? कुछ भी सिख कर किसी को सिखाना ही तो learning & sharing है।
हाँ आप सही हो। लेकिन ये सिर्फ सीखने वाले की नजर है। सीखाने वाले की नही।
Share सिर्फ वही कर सकता है, जो learn कर सकता है।
बिना learn के हम किसी को क्या share करेंगे।
या फिर वो Sharing सिर्फ नाम की होगी,काम की नही।
देखा जाये तो आपको कोई सीखा नही सकता..., इस पूरी दुनिया में।
जब आप उसे खुद से नही सीखोगे तब तक।
इसलिये सिखाने वाले का कोई महत्व नही होता है। केवल सिखने वाले का महत्व होता है।
लेकिन अगर सिखाने वाला भी सिख रहा हो। जो लगता है की सीखा रहा है और सिखने वाले भी सिख रहे हो।
अगर दोनों ही सिखने वाले हो।
तो इसे Real sharing कहेंगे। क्योंकि अब दोनों ही Grow करेंगे। और आगे बढ़ेंगे।
That is Real Learner.....
Thanks, for read.
Love u All. #jpnetam.
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