Hey Dosto! आप सभी का स्वागत् है, हमारे easygyaan10 blog में। तो दोस्तों आज हम जानेंगे की ये सोशल मिडिया और मनुष्य में क्या संबंध है, सोशल मीडिया ने मानव जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन लाया है और इसके साथ-साथ मानव-मानव संबंधों पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है। यह नए संचार के ढंगों को प्रोत्साहित करता है, लेकिन कुछ दुष्प्रभावों के साथ साथ आने वाले चुनौतियों का सामना भी करना पड़ता है। सकारात्मक पहलुओं में, सोशल मीडिया ने लोगों के बीच संवाद को सुगम और त्वरित बना दिया है। लोग अपने दोस्तों, परिवार, और समुदाय के साथ अब भी संपर्क बनाए रख सकते हैं, भले ही वे भौतिक रूप से दूर हों। इससे लोग आपसी रिश्ते मजबूत कर सकते हैं और समय के साथ अपने परिवार और मित्रों के साथ अच्छी तरह से जुड़ सकते हैं। सोशल मीडिया ने विभिन्न समुदायों को एकत्र किया है और उन्हें अपने इंटरेस्ट्स और धार्मिक या सामाजिक उद्देश्यों के अनुसार गुणवत्ता सम्पन्न जानकारी साझा करने का मौका दिया है। इससे लोग विश्वास और सम्मान के साथ समूहों में शामिल हो सकते हैं, जो उनके सोच, मूल्यों, और दृष्टिकोण के साथ मिलते हैं। हालांकि, यहां कुछ चुनौतियाँ भी
Hey dosto!
चलो फेल तो होना ही था, हो गये। फिर हम उसके बाद क्या करते है? नंबर वन हमे बुरा लगता है। और हम blame करने लगते है कि मैं न इसकी वजह से फेल हुआ। मैं न उसकी वजह से ये नही कर पाया...वगेरा वगेरा।
क्या हम अपने फेलियर को पूरी तरह से Accept करते है या फिर भागते है, अपने फेलियर से।
क्या ये सही है? क्या हम अपने फेलियर को ढंग से deal करते है। तो क्या करे?
अपने फेलियर को कैसे deal करे....।
इसका पहला step है, उसे पूरी तरह से face करना।
भागना नही। की देखता हूँ, ये फेलियर क्या है? चल देखता हूँ कि कौन फेल हुआ है।
दूसरी चीज है, Accept करना। स्वीकार करना।
हाँ मैं फेल हो गया हूँ। इस चीज में, life में नही।
तीसरा step है, उससे सीखो learn it.....कि
हाँ मैं busy था, mobile पे, किसी ने कुछ कह दिया,
उसका बुरा मानने पे। और अपने ख़्यालो की दुनिया में।
अगर इस गलती से आपने कुछ नही सीखा। और वही
गलती दुबारा की। तो फिर से गैरेंटेड फेल होंगे।
और सबसे last step है। Grow on...आगे बढ़ो।
अगर आपने अपने फेलियर को पूरी तरीके से देखकर
उससे कुछ सिख लिया। तो आप देखोगे की मैं पहले से grow कर चुका हूँ। इस काम का जो उदेश्य था, वो पूरा
हो चुका है।
कुछ पाना मेरा लक्ष्य था। लेकिन वो तो आया और गया।
लेकिन मेरे life का उदेश्य ये कि अभी मुझे कुछ मिले या
न मिले। मुझे आगे बढ़ते रहना होगा।
Thanks for Read.
love u All. #jpnetam.
चलो फेल तो होना ही था, हो गये। फिर हम उसके बाद क्या करते है? नंबर वन हमे बुरा लगता है। और हम blame करने लगते है कि मैं न इसकी वजह से फेल हुआ। मैं न उसकी वजह से ये नही कर पाया...वगेरा वगेरा।
क्या हम अपने फेलियर को पूरी तरह से Accept करते है या फिर भागते है, अपने फेलियर से।
क्या ये सही है? क्या हम अपने फेलियर को ढंग से deal करते है। तो क्या करे?
अपने फेलियर को कैसे deal करे....।
इसका पहला step है, उसे पूरी तरह से face करना।
भागना नही। की देखता हूँ, ये फेलियर क्या है? चल देखता हूँ कि कौन फेल हुआ है।
दूसरी चीज है, Accept करना। स्वीकार करना।
हाँ मैं फेल हो गया हूँ। इस चीज में, life में नही।
तीसरा step है, उससे सीखो learn it.....कि
हाँ मैं busy था, mobile पे, किसी ने कुछ कह दिया,
उसका बुरा मानने पे। और अपने ख़्यालो की दुनिया में।
अगर इस गलती से आपने कुछ नही सीखा। और वही
गलती दुबारा की। तो फिर से गैरेंटेड फेल होंगे।
और सबसे last step है। Grow on...आगे बढ़ो।
अगर आपने अपने फेलियर को पूरी तरीके से देखकर
उससे कुछ सिख लिया। तो आप देखोगे की मैं पहले से grow कर चुका हूँ। इस काम का जो उदेश्य था, वो पूरा
हो चुका है।
कुछ पाना मेरा लक्ष्य था। लेकिन वो तो आया और गया।
लेकिन मेरे life का उदेश्य ये कि अभी मुझे कुछ मिले या
न मिले। मुझे आगे बढ़ते रहना होगा।
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